Basic accounting terms Hindi me - लेखांकन शब्‍दावली

What is basic Accounting terms - मूल लेखा शब्द क्या है

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका knowledgemera में पिछली Post में हमने जाना था Accountig क्या होता है उससे जुडी वे सारी सामान्य जानकारी जो हमें पता होना चहिये और आज की ये Post आपको बतएगी की मूल लेखा शब्द क्या है (what is basic Accounting terms) दोस्तों ये वे Basic Concept है जो daily life में सुनते है और इन्हे आप Use भी करते है


Basic accounting terms Hindi me


Important Accounting Terminology - महत्वपूर्ण लेखांकन शब्‍दावली

Account से Related वैसे तो बहुत सारी शब्दावली है लेकिन आज हम जानेगे कुछ ऐसी Terminology के बारे में जो हमारे दैनिक जीवन में सुनने को मिलती है दोस्तों आप सब इनका मतलब तो जानते ही होंगे लेकिन इस Post के माध्यम से में आपको बताऊगा की कैसे Accountig की भाषा में इनकी Definetions कही जाती है


सौदा (Transaction) - किसी वस्तु के लेन देन या क्रय-विक्रय को सौदा कहा जाता है सौदा नगद या उधार हो सकता है जैसेै मैंने किसी को 1000 रुपए का माल बेचा तो यह सौदा कहा जाएगा।

व्यापार (Business) - जब कोई काम लाभ कमाने के लिए किया जाए उसे व्यापार कहा जाता है काम शुरू करते समय लाभ की इच्छा रखना और उसके फल में लाभ या हानि होना यह ही व्यापार है

आहरण (Drawings) - व्यापार का मालिक (Business man) अपने Use के लिए माल या पैसे व्यापार से निकालता है उसे आहरण कहा जाता है 

माल (Goods) - जब कोई व्यापारी कोई वस्तु का व्यापार करता है तो वह वस्तु उसका माल कहलाती है जैसे- कोई व्यापारी चावल का व्यापार करता है तो चावल उसका माल कहलाएगा जब किसी वस्तु का निर्माण क्रय-विक्रय के उद्देश्य से होता है तो वह वस्तु माल कहीं जाती है

संपत्तियां (Assets) - वे सभी वस्तुएं जो स्थाई या अस्थाई रूप से किसी व्यापार को चलाने और लाभ कमाने मैं सहायक होती हैं जैसे- धन, भूमि, भवन इत्यादि

पूंजी (Capital) - उस माल या धनराशि को पूंजी कहा जाता है जिसे व्यापार का मालिक (Business man) व्यवसाय में लगाता है और इसी राशि से Business Start किया जाता है

कटौती (Discount) - कभी-कभी व्यापारी किसी वस्तु का पूरा मूल्य ना लेकर कुछ मूल्य छोड़ देते हैं अतः माल के मूल्य में कुछ छूट दे देते हैं जितना मूल्य वह लेते हैं उसे कटौती कहा जाता है जैसे 100 रु का सामान बेचा जाए और ग्राहक से 80 रु लिए जाए तो 20 रु कटौती कहा जाएगा इसका उद्देश्य Customers की संख्या बढ़ानी है 

व्यापारी कटौती (Trade Discount) - इसमें Discount Rate की एक list होती है और ये list ऐसे सभी Customers को दी जाती है जो एक सी वस्तु का Business करते हैं इस कटौती का उद्देश्य केवल इतना ही होता है Customers की संख्या बढ़ाना और व्यवहार में व्यापारिक छूट देना, उसका लेखा व्यापारिक छूट घटाने के बाद ही किया जाता है

विशेष कटौती (Special Discount) - कुछ व्यापारी यह Discount केवल उन्हीं Customers को दी जाती है जो कि Permanent customer बन जाते हैं उनका उद्देश्य ग्राहक को स्थाई ग्राहक बनाना है इस तरह की कटौती ने व्यापार को बहुत लाभ पहुंचाया है परंतु यह कटौती New Customers को नहीं दी जाती है

नकद कटौती (Cash Discount) - यह कटौती उन व्यापारियों को दी जाती है जो निश्चित समय में अपना भुगतान कर देते हैं ऐसा भी हो सकता है कि यह Permanent customer को भी दी जाए यदि वह नगद भुगतान एक निश्चित तिथि पर कर देता है तो उसको नगद कटौती भी मिलेगी तथा Special Discount मिलने का अधिकार उसे इसलिए होगा क्योंकि वह Permanent customer है

खाता (Account) - जब किसी Item, service और person विशेष से Related Transactions एक स्थान पर लिखे जाते हैं तो यह उस Item, service और person विशेष का खाता कहलाता है जैसे किसी व्यक्ति से Related सारी जानकारी एक ही स्थान पर लिख कर रखना खाता कहा जाता है उसी तरह जब Property से Related सारे लेन-देन  को एक जगह लिखा जाता है तो उसे संपत्ति खाता कहा जाता है हर Account के दो side होते है Debit, left side को और Credit, Right side को कहा जाता है  

प्रमाणक (Vouchers) - जब वस्तु का क्रय-विक्रय या धन का लेनदेन किया जाता है तो उसको Proof करने के लिए जो Document तैयार किया जाता है उन्हें Vouchers कहा जाता है

क्रय (Purchase) - व्यापारी जिस माल में व्यापार करता है उसके खरीदने को Purchase कहा जाता है यदि क्रय नगद किया जाता है तो नगद क्रय और यदि उधार क्रय किया जाता है तो उधार क्रय कहा जाता है

लेखा, प्रविष्टि या टिप (Entry) - प्रत्येक व्यवहार या Transactions को Book-Keeping / वहीखाता के नियम और सिद्धांतों के अनुसार वहीखाता में लिखा जाता है उसे लेखा, प्रविष्टि या टिप (Entry) कहा जाता है 

क्रय वापसी (Purchase Returns) - माल को क्रय करने के बाद यदि यह ज्ञात हो कि मांगने के अनुसार पूरा माल प्राप्त नहीं हुआ है या उनमें कोई दोष है या अन्य कोई कारण है तो जितना माल वापस कर दिया जाता है उसे  क्रय वापसी कहा जाता है

[Purchase Returns (P/R) or Returns Outward (R/O)]

विक्रय (Sales) - व्यापारी जिस मान में व्यापार करता है उसकी बिक्री को विक्रय कहा जाता है यह बिक्री यदि नगद होती है तो नगद विक्रय और यदि उधार होती है तोहार विक्रय कहा जाता है

विक्रय वापसी (Sales Returns) - माल पूरा बिक जाने के बाद क्रेता यह समझता है कि उसको जो माल वह चाहता था वो नहीं मिला जिस तरह का माल उसे बेचने का वायदा किया गया था या तो उस माल से जितना खराब माल हो उसको वापस कर देता लिखे हुए माल की वापसी के अन्य भी कारण हो सकते हैं यह बिक्री करने के बाद जो माल वापस आ जाए उसे विक्रय वापसी (Sales Returns) कहा जाता है

[Sales Returns (S /R) or Returns Outward (R/O)]

देनदार (Debtors) - जिस व्यक्ति, संस्था, फर्म, कंपनियां, निगम आदि से उधार दिए हुए माल का मूल्य धन व्यापारी को वसूल करना होता है वह व्यक्ति संस्था फर्म कंपनियां निगम आदि व्यापारी के देनदार (Debtors) होते है

लेनदार (Creditors) -  जिस व्यक्ति, संस्थापन, कंपनी, या निगम आदि को उधार क्रय के लिए व्यापारी द्वारा धन देय होता है वे व्यापारी के लेनदार कहे जाते है 

रहतिया, स्कंध या स्टॉप (Stock) - जो माल व्यापारी के पास Account बंद करने की तिथि तक बिना प्रयोग किए हुए या बिना बिके हुए रखा होता है उसे रहतिया, स्कंध या स्टॉप (Stock) कहा जाता है

जीवित स्टोर (Live Stock) - व्यापार में जो पशु घोड़े और केवल बैल आधी संपत्ति की तरह प्रयोग किए जाते हैं उन्हें जीवित स्टॉक कहा जाता है

मृत्य स्टॉप (Dead  Stock) - जिन सम्पतियो का प्रयोग business को चलने के लिए किया जाता है उन्हें मृत्य स्टॉप (Dead  Stock) कहा जाता है जैसे - फर्नीचर , मशीन इत्यादि 


अपर्या या अशोध्य ऋण (Bad Debts) - जब उधार दिया हुआ धन किसी प्रकार बसूल नहीं होता तो उतने धन को जितना वसूल नहीं हो सका या  उधार बिक्री की जो राशि वसूल नहीं हो पाती उसे Bad Debts कहा जाता है

Related conclusion - संबंधित निष्कर्ष-

दोस्तों आज हमने जाना Account से Related Terminology (शब्‍दावली) जो हमारे दैनिक जीवन में Use होती है और इनकी क्या परिभाषा होती है ये आपको पता चला ये terms Account के लिए तो Important है ही और हमारे समझने के लिए भी उतनी ही जरुरी है 

मुझे पूरी उम्मीद है दोस्तों ये Post समझने के साथ - साथ पसंद भी उतनी ही आयी होगी दोस्तों अगर Post  से Related आपका कोई प्रश्न है  तो मुझे Email करे साथ  ही नीचे दिए गए Social media Icon का Use कर के ये Post  अपने दोस्तों को जरूर Share करे और comment करे 

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